अमावस्या कब है अमावस्या 2023 दिनांक

अमावस्या कब है

अमावस्या कब है, अमावस्या 2023: प्रति वर्ष 12 अमावस्या। प्रत्येक मास के कृष्ण पक्ष के अंतिम दिन को अमावस्या कहते हैं। हम वर्ष 2023 में सभी अमावस्याओं की तिथियां जानते हैं।
Amavasya Calendar 2023: हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है। एक वर्ष में 12 अमावस्या होती हैं। प्रत्येक कृष्ण पक्ष मास के अंतिम दिन को अमावस्या कहा जाता है। उसके बाद शुक्ल पक्ष प्रारंभ होता है।

अमावस्या तिथि का स्वामी पितृगण को माना जाता है। इस दिन देवी-देवताओं की पूजा, पवित्र नदियों में स्नान, गरीबों को धन देना, पितरों की शांति के लिए श्राद्ध और तर्पण करने का विधान है। अमावस्या पर किए गए धार्मिक कार्य जीवन में सुख-समृद्धि लाते हैं। कुंडली में मौजूद पितृदोष से मुक्ति पाने के लिए अमावस्या का विशेष महत्व बताया गया है। आइए जानते हैं नववर्ष 2023 में आने वाली सभी अमावस्या की तारीखें।

अमावस्या का महत्व

अमावस्या की धार्मिक दृष्टि से विशेष महत्व है। मान्यता है कि अमावस्या के दिन व्रत पूजन और पितरों को जल तिल देने से पुण्यफल की प्राप्ति होती है। माना जाता है कि इस दिन व्रत किया जाता है और शिव पार्वती की पूजा करने से सुहाग की आयु लंबी होती है और भक्ति की प्राप्ति होती है। नमपत्य जीवन में स्नेह और सद्भावना बढ़ाने के लिए भी अमावस्या का व्रत रखा जाता है। अमावस्या के दिन पितृत्रय और स्नान-दान करना शुभ होता है।

2023 में अमावस्या कब है?

हिन्दू पंचांग के अनुसार साल में 12 अमावस्याएं होती हैं। जो लोग इस तारीख में विश्वास रखते हैं वे इस दिन का बहुत इंतजार करते हैं वे यह जानने में जुटे रहते हैं कि अमावस्या कब है? क्यूंकि इस दिन के लिए उन लोगों को कई सारी तैयारियां कर लेती हैं कई लोगों को ज्ञात नहीं होता है और वह इंटरनेट पर – अमावस्या कब है? अमावस्या कब है? – आदि सही तारीख की जानकारी हासिल करने की कोशिश करते हैं। इसलिए यहां हम आपको वर्ष 2023 में आने वाली सभी अमावस्या की तिथियां और दिन बता रहे हैं।

अमावस्या के दिन किए जाने वाले उपाय


● अमावस्या के दिन भ्रम की छोटी-छोटी गोलियां लें और किसी तालाब में जिज्ञासा को खिलाएं। ऐसा करने से आपको पुण्य मिलेगा और धन लाभ होगा। यदि आप यह काम घर के बच्चे से करवाते हैं तो आपके लिए यह और भी फलदायी सिद्ध होगा।
● यदि संभव हो तो अमावस्या के दिन किसी पवित्र नदी में जा कर स्नान करें या फिर अपने नहाने के पानी में गंगा जल योजना।


● अमावस्या के दिन सुबह समय पर उठें और स्नान आदि करने के बाद हनुमान जी का पाठ करें और उन्हें लड्डू का भोग करें। यदि आप पाठ नहीं कर पा रहे हैं तो हनुमान बीज मंत्र का जाप भी कर सकते हैं। आप पूजा करते समय हनुमान जी के सामने चमेली के तेल का दिया जलाएं।


● घर में पूजा करने के अलावा आप मंदिर जाएं और अन्न का दान करें। दान अन्न को हिंदू धर्म में बहुत बड़ा पुण्य माना जाता है और यदि इस कार्य को अमावस्या के दिन किया जाए तो यह और शुभ भी होता है।
● इस दिन शनि देव को तेल का दान करें। साथ में आप ब्लैक फ्लाइंग और लोहा भी दान कर सकते हैं।
अमावस्या का महत्व

अमावस्या कब है


ज्योतिष शास्त्र और धार्मिक दृष्टिकोण से अमावस्या बहुत महत्वपूर्ण होती है। पुराणों के अनुसार इस दिन का पितृ दोष मुक्ति पाने के लिए विशेष महत्व है क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि इस दिन त्रयस्थ, स्नान, दान आदि के लिए बहुत पुण्य और फल लाभकारी होता है। दीपावली जो कि हमारे देश का प्रसिद्ध त्योहार है उसे अमावस्या के दिन भी मनाया जाता है। अमावस्या की तिथि को ही सूर्य पर ग्रहण लगता है। यह तिथि कालसर्प दोष से पीड़ित जातक की मुक्ति के उपाय के लिए भी प्रभावित व्यक्ति को दी जाती है।


वैवाहिक विवाह में बहुत महत्व रखने वाला यह दिन शुभ व अशुभ हो सकता है। अमावस्या से शुरू होने वाले पक्ष को शुक्ल पक्ष कहा जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार माघ के महीने (जनवरी-फरवरी) में आने वाली अमावस्या जिस हम मौनी अमावस्या के नाम से जानते हैं जो कि वह बेहद शुभ होता है।


आमतौर पर देखा जाए तो अमावस्या को किसी भी अच्छे काम को करने के लिए शुभ नहीं माना जाता है, लेकिन साथ ही अगर हम आध्यात्मिक रूप से देखें तो अमावस्या का विशेष महत्व है। पुराणों में ऐसा कहा गया है कि इस दिन अपने अजनबियों को याद कर पूजा करते हैं और दानों को मनुष्यों के पापों का नाश होता है। कई कर्ता अमावस्या के दिन पवित्र जल से स्नान कर व्रत भी रखते हैं।


वैसे तो सभी अमावस्या को एक समान माना जाता है लेकिन सोमवार को होने वाली अमावस्या जिसे हम सोमवती अमावस्या कहते हैं वो अन्य अमावस्या की तुलना में इसका विशेष महत्व रखता है।
एस्ट्रोसेज पर आपको क्या है, मानव जीवन में इसका महत्व है, अमावस्या जब जैसी सभी जानकारी विस्तार से दी गई है। हमें आशा है कि ये सूचनाएं आपके लिए उपयोगी सिद्ध होंगी।

अमावस्या 2023 (अमावस्या 2023)


माघ अमावस्या – 21 जनवरी 2023